The One


एको देवः केशवो वा शिवो वा । एकं मित्रं भूपतिर्वा यतिर्वा ।।
एको वासः पत्तने वा वने वा । एका नारी सुन्दरी वा दरी वा ।।

एको मुख्यो देवः प्रशस्ताः केशाः यस्य स केशवः (केशाद्वोऽन्यतरस्याम् इति वप्रत्यय) । विष्णुर्वा शिवः शंकरो वा । एकं मित्रं भूपतिः राजा वा यतिः संन्यासी वा । एको मुख्यो वासो वसतिस्थानं पत्तने नगरे वनेऽरण्ये वा । एका मुख्या नारी भार्या सुन्दरी सुरूपा वा दरी पर्वतगुहा वा ।

एक देवको आश्रय करना चाहिये – वह केशव – कृष्ण विष्णु (स्थितिपालक) हो अथवा शिव (कल्याणमय) हो । एक सच्चा मित्र होना चाहिये – वह राजा (सम्पत्तियुक्त) हो अथवा सन्यासी (सम्पत्तिशुन्य) हो । एक स्थानपर वसना चाहिये – वह नगर (समस्त सुविधायुक्त) हो अथवा वन (समस्त सुविधाविहीन) हो । प्रीति एक ही से करना चाहिये – वह सुन्दरी स्त्री से हो अथवा निर्जन पर्वतगुहा (स्त्री संसर्ग से दूर ब्रह्मचर्य) हो ।

One should be devoted to one God – be It Keshava (who gives stability) or Shiva (the blissful). One should have one good friend – be it a king (full of prosperity) or a hermit (devoid of wealth). One should have one place of residence – be it in a city (with all facilities) or in a forest (without any facility). One should be attached to one – be it a beautiful damsel as a wife or a mountain cave (without a female in celibacy).